गेल ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2009 में कोलकाता नाइट राइडर्स से की थी। दो सीजन खेलने के बाद फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया और 2011 की नीलामी में वह अनसोल्ड रह गए। हालांकि, किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही तय कर रखा था। आईपीएल 2011 के बीच सीजन में RCB के तेज गेंदबाज डिर्क नैनिस चोटिल होकर बाहर हो गए और टीम को एक विकल्प की तलाश थी। तभी RCB की नजर गेल पर गई।
एक पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान गेल ने उस यादगार पल का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘2011, जब मुझे कॉल आया, मैं जमैका में एक नाइटक्लब में था। वेस्टइंडीज क्रिकेट के साथ जो भी विवाद हुआ था, जिसकी वजह से मुझे पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए भी नहीं चुना गया था। वर्ल्ड कप हारकर आया था और चोटिल भी था। बहुत निराश था। लंबी कहानी को छोटा करूं तो, मैं उस वक्त नाइटक्लब में था और क्रिकेट भी नहीं खेल रहा था।’
गेल ने आगे बताया, ‘मुझे कॉल आया। कॉल की दूसरी तरफ विजय माल्या और अनिल कुंबले थे। उन्होंने पूछा कि क्या मैं फिट हूं। मैंने कहा- क्या ये सच है? हां, मैं फिट हूं। उन्होंने कहा- अगर तुम फिट हो, तो हमें चाहिए कि तुम कल एम्बेसी जाकर वीजा लो। लेकिन मैंने कहा कि कल शनिवार है। उन्होंने कहा- उसकी चिंता मत करो, बस पहुंच जाओ।’ मैं अगले दिन गया, वीजा लिया और फ्लाइट पकड़ी। और फिर उस समय से ईस्टर शुरू हो गया।’
आईपीएल 2011 गेल के लिए यादगार साबित हुआ। उन्होंने सिर्फ 12 मैचों में 608 रन बनाए, जिसमें दो शतक भी शामिल थे। वह सीजन के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने और RCB को फाइनल तक पहुंचाया। इसके बाद 2012 में भी उनका जलवा जारी रहा, जब उन्होंने 15 मैचों में 715 रन बनाकर लगातार दूसरी बार ऑरेंज कैप अपने नाम की। कुल मिलाकर, गेल ने आईपीएल में 142 मैच खेले और 4,965 रन बनाए। उनके नाम छह शतक और 31 अर्धशतक दर्ज हैं। आईपीएल इतिहास में गेल का नाम हमेशा सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में लिया जाएगा।